संता रोटी का एक निवाला खुद खा रहा था और एक पास बैठी मुर्गी को खिला रहा था…
बंता :- “ ये क्या कर रहा है ? ”
संता :- “ चिकन के साथ रोटी खा रहा हूँ ”
संता और बंता शराब के नशे में धुत्त होकर रेल की पटरियों के बीचों-बीच जा रहे थे….
संता : हे भगवान, मैंने इतनी सीढ़ियां पहले कभी नहीं चढ़ीं
बंता : अरे सीढ़ियाँ तो ठीक हैं, मैं तो इस बात को लेकर हैरान हूं कि हाथ से पकड़ने के लिए रेलिंग कितने नीचे लगी हुई हैं …..
एक मोटरसाइकिल वाले ने पता पूछने के लिए संता से पूछा….
Excuse me… मुझे “लाल किला” जाना है ?
संता: तो जा ना भाई, ऐसे हर किसी को बताते बताते जायेगा तो पहुचेगा कब ??
संता ने एक हलवाई की दुकान पर आधा किलो जलेबी लेकर खाई और बिना पैसे दिए जाने लगा..
दुकानदार बोला – अरे जलेबी के पैसे तो दिए जा ।
संता – पैसे तो है नहीं ..
इस पर दूकानदार ने अपने नौकर को बुला कर संता की भरपूर पिटाई करवा दी।
पिटने के बाद संता उठा और हाथ पैर झाड़ते हुए बोला- इसी भाव पर एक किलो और तौल दे ।
संता अंडरवियर लेने दुकान पर गया।
दुकानदार ने उसे 300 रूपये का अंडरवियर दिखाया।
पैसे सुनकर संता बोला: यार रोज पहनने वाला दिखाओ,पार्टीवियर नहीं चाहिए।
बंता wife को English सिखा रहा था।
दोपहर में Wife बोली, “Dinner लो जी”…..
बंता – जाहिल औरत ये Dinner नही Lunch है….”
Wife – जाहिल तू, तेरा सारा ख़ानदान करमफूटे….ये रात का बचा हुआ खाना है… दिमाग मत दौड़ा, रोटी चरले।
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